आचार्य श्रीराम शर्मा >> अन्त्याक्षरी पद्य-संग्रह अन्त्याक्षरी पद्य-संग्रहश्रीराम शर्मा आचार्य
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जीवन मूल्यों को स्थापित करने के लिए अन्त्याक्षरी पद्य-संग्रह
(श)
शब्द-शब्द सब कोई कहैं, वो तो शब्द विदेह।
जिभ्या पर आवे नहीं, निरखि परखि करि लेह॥
शब्द हमारा आदि का, पल-पल करुहूँ याद।
अन्त फलेगी माँहली, ऊपर की सब बाद॥
शब्द हमारा तू शब्द का, सुनि मति जाहु सरक।
जो चाहो निज तत्त्व को, तो शब्दहिं लेह परख॥
शूद्र बहुत जिस देश में, धरे क्षुद्रता भाव।
वह विनसाता सहज ही, निज अज्ञान प्रभाव॥
श्रद्धा सहित जो आया, गुरुदेव की शरण में।
स्वर्णिम सुयोग पाया, गुरुदेव की शरण में।।
श्रम और बुद्धि प्रभाव तें, लक्ष्मी करत निवास।
ज्यों लौं तेल प्रदीप में, त्यों लौं ज्योति प्रकाश॥
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